आज का हमारा जीवन
एक तरफ़ भविष्य की चिंता
दूसरी तरफ़ हमारी कुंठा
आज का हमारा जीवन
अब जो भी है
जो भी चल रहा है
बन गया है अभ्यस्त उसका
नही करता किसी का प्रतिरोध
लेता है स्वीकार
जिस ढंग से जो भी होता है
आज का हमारा जीवन
एक तरफ़ तो सपना कही पलता है
दूसरी तरफ़ देता है थपेड़े
लाकर पटक देता है किनारे पर
आज का हमारा जीवन
भयाक्रांत रहता है मन
अपने स्थान को लेकर
शंकाशील रहता है मन
लेकिन अभी भी बदलता है
करवटें सोते हुए
लोग जान जाते हैं
और हम ख़ुद ही
नही जान पाते